VIDHI DESHWAL LATEST BHAJAN LYRICS| JAL AGAR AGNI BAN JAYE | SHIV BHAJAN LYRICS | AUG,
2020
BHAJAN CREDITS: Song Title - Jal Agar Agni Ban Jaye Singer - Vidhi Deshwal Lyrics - Kaushal Tripathi Music - Lovely Sharma Video - Shyam Creations Camera - KD Kashyap Produce By - HPRM Entertainment
JAL AGAR AGNI BAN JAYE - LYRICS
मेरे अंधियारे जीवन में
तूने ही ज्योत जलाई हो
तूने ही ज्योत जलाई
खुशियों की परछाई फिर मेरे
आंगन में चली आयी हो
आंगन मे चली आयी
किसकी है अब लगी नजर ये
काली घटा क्यू छाई हो
काली घटा क्यू छाई हो
जल अगर अग्नि बन जाये हो,
जल अगर अग्नि बन जाये
फूल भी कांटे बन चुभ जाये
फिर भी अपने अंतःकरण से,
तेरा नाम पुकारूंगा
ॐ नमः शिवाय,
पर्वत को टुकड़ों मे मैं बहा दु
सूरज को हाथों में मै छुपा दू
पर्वत को टुकड़ों मे मैं बहा दु
सूरज को हाथों में मै छुपा दू
तुम ना समझना मैं बिखर चुका हूं
गिरकर भी तो मै निखर चुका हु
गिरकर भी तो मै निखर चुका हु
रोम रोम मेरे बसता,
रोम रोम मेरे बसता
नाम वो है शिवा
गंगा जहा से ये बहेती है,
नाम वो है शिवा
ॐ नमःशिवाय,
ध्यान लगाये बैठे त्रिशूल धारी
खड़ा हु तेरे दर पे मै भिखारी
ध्यान लगाये बैठे त्रिशूल धारी
खड़ा हु तेरे दर पे मै भिखारी
भूल हुई क्या मुझसे तू ही बताना
कुछ तो बोल दे तू ना चुप रहे जाना
कुछ तो बोल दे तू ना चुप रहे जाना
अपने दामन के दुख मै...हो
अपने दामन के दुःख मै
तेरे आँगन मे पिरो दू
नित नित जो तू उसको देखें
तेरे मन को पिघला दूं
ॐ नमःशिवाय,
जल अगर अग्नि बन जाये
फूल भी कांटे बन चुभ जाये
फिर भी अपने अंतःकरण से...
तेरा नाम पुकारूंगा
ॐ नमः शिवाय,
तूने ही ज्योत जलाई हो
तूने ही ज्योत जलाई
खुशियों की परछाई फिर मेरे
आंगन में चली आयी हो
आंगन मे चली आयी
किसकी है अब लगी नजर ये
काली घटा क्यू छाई हो
काली घटा क्यू छाई हो
जल अगर अग्नि बन जाये हो,
जल अगर अग्नि बन जाये
फूल भी कांटे बन चुभ जाये
फिर भी अपने अंतःकरण से,
तेरा नाम पुकारूंगा
ॐ नमः शिवाय,
पर्वत को टुकड़ों मे मैं बहा दु
सूरज को हाथों में मै छुपा दू
पर्वत को टुकड़ों मे मैं बहा दु
सूरज को हाथों में मै छुपा दू
तुम ना समझना मैं बिखर चुका हूं
गिरकर भी तो मै निखर चुका हु
गिरकर भी तो मै निखर चुका हु
रोम रोम मेरे बसता,
रोम रोम मेरे बसता
नाम वो है शिवा
गंगा जहा से ये बहेती है,
नाम वो है शिवा
ॐ नमःशिवाय,
ध्यान लगाये बैठे त्रिशूल धारी
खड़ा हु तेरे दर पे मै भिखारी
ध्यान लगाये बैठे त्रिशूल धारी
खड़ा हु तेरे दर पे मै भिखारी
भूल हुई क्या मुझसे तू ही बताना
कुछ तो बोल दे तू ना चुप रहे जाना
कुछ तो बोल दे तू ना चुप रहे जाना
अपने दामन के दुख मै...हो
अपने दामन के दुःख मै
तेरे आँगन मे पिरो दू
नित नित जो तू उसको देखें
तेरे मन को पिघला दूं
ॐ नमःशिवाय,
जल अगर अग्नि बन जाये
फूल भी कांटे बन चुभ जाये
फिर भी अपने अंतःकरण से...
तेरा नाम पुकारूंगा
ॐ नमः शिवाय,
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